ik roz
Friday, October 7, 2011
हम तेरे शहर में आये थे नूर लेकर...
तेरी बेनियाज़ी ने हमें बेनूर कर दिया...
फ़ख्र करते थे कभी अपनी जिंदादिली पर...
उस नाज़ को तुने हर दम चूर-चूर कर दिया.....!!!!!
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